Sirmaur: राजनीतिक शिष्टाचार की मर्यादाएँ लांघ गए हैं मंत्री जगत सिंह नेगी, आरएसएस पर टिप्पणी पर भाजपा जिलाध्यक्ष धीरज गुप्ता का पलटवार ddnewsportal.com

Sirmaur: राजनीतिक शिष्टाचार की मर्यादाएँ लांघ गए हैं मंत्री जगत सिंह नेगी, आरएसएस पर टिप्पणी पर भाजपा जिलाध्यक्ष धीरज गुप्ता का पलटवार ddnewsportal.com

Sirmaur: राजनीतिक शिष्टाचार की मर्यादाएँ लांघ गए हैं मंत्री जगत सिंह नेगी, आरएसएस पर टिप्पणी पर भाजपा जिलाध्यक्ष धीरज गुप्ता का पलटवार

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के हालिया सत्र के दौरान राज्य के राजस्व मंत्री श्री जगत सिंह नेगी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संबंध में की गई टिप्पणी एक सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को संयमित भाषा का प्रयोग करना चाहिए। यह बात भाजपा सिरमौर जिला अध्यक्ष धीरज गुप्ता ने कही। जारी प्ओएस बयान में धीरज गुप्ता ने कहा कि आरएसएस दीर्घकाल से सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रोत्थान के क्षेत्र में कार्यरत संस्था के प्रति गैर- सम्मानजनक टिप्पणी से न केवल संगठन की भावनाओं को आघात पहुँचाया है, बल्कि राजनीतिक शिष्टाचार की मर्यादाएँ भी भंग की हैं। इसी आधार पर मंत्री जगत सिंह नेगी को सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। 

संघ ने प्रारंभिक समय से ही समाज में समानता, समरसता और एकात्मता का संदेश दिया। विभिन्न सामाजिक वर्गों को एक मंच पर लाने और सामाजिक विभाजनों को कम करने में RSS की भूमिका उल्लेखनीय रही है, जो राष्ट्रीय अखंडता को मजबूत करने वाला कदम था। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत देश जिन चुनौतियों से गुज़रा, उनमें संघ के स्वयंसेवकों ने कई अवसरों पर आपदा, संकट और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े परिस्थितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1947 के विभाजन काल में राहत और पुनर्वास कार्य, भारत-चीन (1962) और भारत-पाक युद्धों ( 1965, 1971) के दौरान जनता और सैनिक परिवारों के सहयोग हेतु व्यापक सेवा कार्य, सीमांत क्षेत्रों में राष्ट्रीय चेतना और एकात्मता को सुदृढ़ करने के लिए सतत संगठनात्मक प्रयास तथा संघ और उसके प्रेरणा से चलने वाले विभिन्न संगठनों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम-विकास, संरक्षण एवं आपदा राहत के क्षेत्र में विशाल सेवा कार्य खड़े किए। ये प्रयास राष्ट्रीय एकता और समाज-सशक्तिकरण के आधार स्तंभ बने।

कश्मीर विलय एक बहुपक्षीय, जटिल और दबावपूर्ण ऐतिहासिक घटना थी, संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरु जी उस समय कश्मीर की स्थिति को लेकर चिंतित और सक्रिय थे, उन्होंने महाराजा हरि सिंह से मिलकर भारत से जुड़ने के पक्ष में नैतिक व वैचारिक परामर्श दिया, श्री गुरुजी की कश्मीर के महाराजा हरि सिंह से मुलाकात ने वातावरण को प्रभावित किया ओर उन्होंने ही महाराजा को हस्ताक्षर करने के लिए राज़ी किया। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान सीमाओं पर संघ के स्वयंसेवकों की सेवाओं से प्रभावित थे। इसलिए नेहरू जी ने स्वयंसेवकों को 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित किया था और इस परेड में 3,000 से ज़्यादा संघ स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। 

आज जो कांग्रेस पार्टी कहती है कि भारत को आजादी हमने दिलाई है उन लोगो में बताना चाहूँगा कि भारत की स्वतंत्रता किसी एक व्यक्ति, संगठन या विचारधारा का कार्य नहीं था यह सामूहिक संघर्ष, बलिदान, अहिंसा, क्रांति, राजनीतिक कूटनीति, और सांस्कृतिक जागरण का मिश्रण था। आज के परिपेक्ष में देखा जाए तो बच्चों का समग्र विकास सिर्फ पढ़ाई से नहीं होता—उन्हें अच्छे संस्कार, अनुशासन, स्वास्थ्य और सामाजिक अनुभव की भी आवश्यकता होती है। इसी कारण कई माता-पिता अपने बच्चों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा या इसी तरह की सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ना उपयोगी मानते हैं संघ की शाखा में अनुशासन कार्यकर्ता नियमितता, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, संस्कार और मूल्य, नेतृत्व तथा व्यक्तित्व विकास और सामाजिकता व टीम स्पिरिट इन सभी गुणों को सीखता है।

हाल ही में हिमाचल प्रदेश के राजस्व एवं बागवानी मंत्री द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संबंध में की गई कथित टिप्पणी पर हम कड़ी आपत्ति जताते हैं, मंत्री जी को अपने वक्तव्यों में संयम रखना चाहिए और ऐसे बयान देने से बचना चाहिए जो समाज में अनावश्यक विवाद या भ्रम उत्पन्न करें। हम मंत्री जी से माँग करते है कि अपने कथन पर स्पष्टता दें और सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण देकर माफी मांगे।