Himachal News: नशे के खिलाफ बड़ा अभियान, शिमला से राज्य स्तरीय वाॅकथाॅन... ddnewsportal.com
Himachal News: नशे के खिलाफ बड़ा अभियान, शिमला से राज्य स्तरीय वाॅकथाॅन...
हिमाचल प्रदेश को नशामुक्ति की तरफ ले जाने के उद्देश्य से एवं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार, हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, IPS ने नशा मुक्ति हेतु राज्य स्तरीय वॉकथॉन की घोषणा की है, ताकि “नशामुक्त हिमाचल” के अभियान को और सशक्त बनाया जा सके।
यह अभियान 15 नवम्बर 2025 (शनिवार) समय: प्रातः 11:00 बजे से स्थान: रिज, शिमला से शुरु होगा। रैली मार्ग रिज से विधानसभा और चौरा मैदान तक रहेगा।
इस कार्यक्रम में मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, सरकारी अधिकारी, छात्र, स्वयंसेवी संगठन (NCC/NSS/NYK), एनजीओ और आम नागरिक भाग लेंगे।
शिमला के बाद इसी प्रकार के जन-जागरूकता कार्यक्रम सभी जिलों में पुलिस अधीक्षकों और जिला प्रशासन के नेतृत्व में आयोजित किए जाएंगे।
राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर ने मीडिया को NDPS अधिनियम, 1985 के अंतर्गत नशा अपराधों से संबंधित कानूनी प्रावधानों और दंड की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिट्टा का रखना, बेचना, खरीदना, परिवहन करना या सेवन करना NDPS अधिनियम की धारा 21, 22, 27 और 29 के अंतर्गत गंभीर अपराध है।
दंड की श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
???? छोटी मात्रा (5 ग्राम तक) — 1 वर्ष तक की कैद या ₹10,000 तक का जुर्माना या दोनों।
???? मध्यम मात्रा — 10 वर्ष तक की कैद और ₹1 लाख तक का जुर्माना।
???? व्यावसायिक मात्रा (250 ग्राम या अधिक) — 10 से 20 वर्ष तक की कैद और ₹1–2 लाख का जुर्माना (जो न्यायालय द्वारा बढ़ाया भी जा सकता है)। यहां तक कि छोटी मात्रा का कब्ज़ा भी दंडनीय है।
हालांकि, जो व्यक्ति स्वेच्छा से इलाज के लिए आगे आते हैं, उन्हें अधिनियम की धारा 64-A के अंतर्गत पुनर्वास राहत प्रदान की जा सकती है।
सख्त पुलिस कार्रवाई के चलते सैकड़ों अपराधियों को दंडित किया गया है और करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है, जिससे नशा तस्करों में प्रभावी भय उत्पन्न हुआ है।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि “कानून का सख्त पालन, जन-जागरूकता और पीड़ितों का पुनर्वास — यही नशामुक्त हिमाचल के तीन सशक्त स्तंभ हैं।”
हिमाचल प्रदेश पुलिस सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और जागरूकता, शिक्षा एवं सामूहिक प्रयासों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश को नशामुक्त राज्य बनाने में सहयोग करें।
