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Paonta Sahib: हीलिंग पृथ्वी संस्था ने जलवायु परिवर्तन पर जागरुक किए छात्र, गोरखुवाला स्कूल में जागरूकता सत्र का सफल आयोजन

पाँवटा साहिब के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गोरखुवाला में हीलिंग पृथ्वी एनजीओ द्वारा एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) छात्रों के लिए पहला जलवायु परिवर्तन जागरूकता सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की टीम द्वारा अतिथियों के गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुआ। विद्यालय के प्राचार्य देवानंद तोमर, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी संजीव शर्मा एवं सुश्री आशा चौहान ने हीलिंग पृथ्वी टीम का स्वागत किया।

सत्र की शुरुआत हीलिंग पृथ्वी की अध्यक्ष रिटायर्ड प्रधानाचार्या नरेंद्र कौर द्वारा प्रेरणादायक उद्बोधन से हुई। उन्होंने छात्रों को सरल शब्दों में “हीलिंग पृथ्वी” का अर्थ समझाते हुए कहा कि इसका अर्थ धरती का उपचार करना है। साथ ही बताया कि एनएसएस के छात्र पृथ्वी के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कृष्णा वर्मा, मानद सदस्य एवं सेवानिवृत्त तहसील कल्याण अधिकारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “माँ धरती की रक्षा करना हमारा सामाजिक और नैतिक दायित्व है।”
इसके पश्चात स्मृति वर्मा, निदेशक, हीलिंग पृथ्वी ने एनजीओ की भूमिका और इस जागरूकता सत्र के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने छात्रों को समझाया कि आज पृथ्वी त्रिस्तरीय संकट (Triple Planetary Crisis) का सामना कर रही है। ये जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक प्रदूषण और जैव विविधता का नुकसान है।

कार्यक्रम के दौरान छात्रों को “2025 में पृथ्वी के सामने 10 प्रमुख पर्यावरणीय खतरों” पर आधारित 10 मिनट की डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। डॉक्यूमेंट्री के बाद छात्रों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, स्रोत पर कचरा पृथक्करण (Source Segregation), गीले कचरे से कम्पोस्ट बनाने, खुले में कचरा न फेंकने और प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने के महत्व को समझा।
छात्रों ने “मेरा कचरा, मेरी ज़िम्मेदारी” के मंत्र को अपनाने का संकल्प लिया। पूरे सत्र के दौरान विद्यार्थियों में गहरी रुचि और उत्साह देखने को मिला।
एनजीओ की निदेशक स्मृति वर्मा ने कहा कि हीलिंग पृथ्वी का उद्देश्य छात्रों और युवाओं में पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु कार्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है ताकि हिमाचल प्रदेश को 2026 तक ग्रीन एनर्जी स्टेट बनने के लक्ष्य में हर नागरिक अपना योगदान दे सके।