Himachal Breaking News: हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज चुनाव को लेकर बड़ा फैसला, चुनाव आयोग ने जारी की अधिसूचना.. ddnewsportal.com

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Himachal Breaking News: हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज चुनाव को लेकर बड़ा फैसला, चुनाव आयोग ने जारी की अधिसूचना..

हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर बिगुल लगभग बज गया है। चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायतीराज चुनाव को लेकर बड़ा फैसला किया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के खंड को पूरे प्रदेश में लागू करते हुए चुनाव प्रक्रिया समाप्त नहीं होने तक पंचायतों और नगर पालिकाओं की संरचना, वर्गीकरण या क्षेत्र में परिवर्तन पर रोक लगा दी है। हालांकि, अभी पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है। आयोग ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दी है। आयोग ने संविधान के प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर चुनावी प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए पंचायतों और नगर निकायों की सीमाओं में किसी भी तरह के बदलाव पर रोक लगा दी है।

आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की 2.1 एक धारा को लागू किया है, जिसके तहत अब सीमाओं में बदलाव नहीं किया जाएगा। ऐसे में सरकार के कामकाज या फिर विकास कार्य और नए प्रोजेक्ट के ऐलान पर कोई रोक नहीं है और पहले ही तरह विकास कार्य होते रहेंगे।

राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि प्रदेश में मौजूदा पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल जल्द समाप्त होने वाला है, जिसके मद्देनज़र चुनावी प्रक्रिया समय पर शुरू की जाएगी। आयोग ने बताया कि पंचायत राज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी 2026,  50 शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी 2026 और धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सोलन नगर निगमों का कार्यकाल 13 अप्रैल 2026 को पूरा होगा। वहीं, पांच नगर पंचायतों अंब, चिरगाँव, कंडाघाट, नेरवा और निर्मंड—का कार्यकाल 16 अप्रैल 2026 को समाप्त होगा।

आयोग के अनुसार, 3577 ग्राम पंचायतों, 90 पंचायत समितियों, 11 जिला परिषदों और 71 शहरी स्थानीय निकायों का परिसीमन कार्य पूरा कर लिया गया है और इसकी अंतिम अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसी तरह, 3548 ग्राम पंचायतों और 70 शहरी निकायों की मतदाता सूचियाँ भी कानूनी प्रक्रिया के अनुसार तैयार हो चुकी हैं और शेष 29 ग्राम पंचायतों और एक शहरी निकाय की मतदाता सूची 1 दिसंबर और 7 दिसंबर 2025 तक अंतिम रूप से तैयार कर ली जाएगी।

आयोग ने अपनी नोटिफिकेशन में लिखा गया है कि “द स्टेट ऑफ पंजाब एंड अदर्स बनाम बेंट कुमार” मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने आदेश में कहा था कि किसी भी संस्था के कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले अनिवार्य चुनावी प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए और इसी संवैधानिक व्यवस्था के तहत हिमाचल प्रदेश में पंचायत और शहरी निकायों के चुनाव की प्रक्रिया समय पर शुरू की जाएगी। राज्य में अब चुनाव कार्यक्रम जारी होने की तैयारियाँ अंतिम चरण में मानी जा रही हैं।

चुनाव आयोग ने अपनी अधिसूचना में लिखा कि प्रदेश में वार्डों के परिसीमन को अंतिम रूप दिए जाने के बाद शहरी स्थानीय निकायों की सीमाएँ अब ‘फ्रीज़’ मानी जाएंगी और इनमें कोई बदलाव नहीं होगा। आयोग ने 1 मई, 4 जुलाई और 28 जुलाई 2025 को भेजे गए पत्रों में राज्य सरकार को इस बारे में पहले ही सूचित कर दिया था। आयोग ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के गठन के लिए अब 75 दिन से भी कम समय बचा है और अधिकांश शहरी निकायों के गठन के लिए 60 दिन का समय शेष है और ऐसे में समयबद्ध तरीके से चुनावी प्रक्रिया शुरू करना अनिवार्य हो गया है। इसी सिलसिले में, राज्य निर्वाचन आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 243K(1) और 243 ZA(1) तथा हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994 में निहित शक्तियों का उपयोग करते हुए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, 2020 की धारा 2.1 को तत्काल प्रभाव से पूरे हिमाचल प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल कुमार खाची ने कहा कि “पंचायतों और नगरपालिकाओं की संरचना, वर्गीकरण या क्षेत्र में राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।” आयोग ने सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस प्रावधान का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।