शिलाई: शिलाई से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रथम सदस्य रामभज तोमर का निधन, 80 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस ddnewsportal.com

शिलाई: शिलाई से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रथम सदस्य रामभज तोमर का निधन, 80 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस
शिलाई क्षेत्र से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रथम सदस्य रामभज तोमर का निधन हो गया। उन्होंने 80 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। रामभज तोमर, पूर्व विधायक बलदेव तोमर के ताऊ स्व० सहीराम तोमर के सुपुत्र थे। वह काफी समय से लम्बी बीमारी के कारण अस्वस्थ चल रहे थे। पिछले कल पाँवटा साहिब में उन्होंने इच्छा जाहिर की, कि मुझे पैतृक घर शिलाई जाना है। आज सुबह घर लाते हुए हैवणा के निकट लेंडसलाईड से रोड़ अवरूद्ध होने के कारण उनकी अंतिम सांसे वहीं पूरी हुई।
जानकारी मुताबिक रामभज तोमर शिलाई क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पहले सदस्य थे। सिरमौर से अयोध्या के लिए 1991 में गए कार सेवा के जत्थे में भी वो शामिल रहे।
लगभग 80 वर्ष की आयु में पिछले दो वर्ष को छोड़कर उनका जीवन बिल्कुल हष्ट-पुष्ट था। उनकी पहले शिलाई गांव व बाद में शिलाईधार पर दुकान का व्यवसाय था, इसलिए उनका नाम रामभज लाला जी के नाम से प्रसिद्ध था। आज के वर्तमान समय में ऐसे ईमानदार, नेकदिल, सच्चे-पक्के इंसान बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव शिलाई में किया जाएगा।
उनके निधन पर पाँवटा साहिब के संघ के वरिष्ठ सदस्य शिव सिंह असवाल ने दु:ख प्रकट किया और रामभज तोमर के साथ की यादें ताजा करते हुए बताया कि अभी पिछले साल श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के उद्घाटन के बाद कार सेवकों के सम्मान समारोह में खत्तर सिंह के साथ पाँवटा साहिब में उनसे मिलना हुआ था।
बड़े दिनों बाद मिले तों बड़ी ही आत्मतीयता से हम लोगों ने पुरानी अयोध्या जी की यादें ताजा की थी। रामभज तोमर शिलाई के अपने पुराने चार पांच कार्यकर्ताओं में से एक थें। संगठन के काम से मुझे संघ के विभाग प्रचारक स्वर्गीय डा० सत्यपाल के साथ यदा-कदा शिलाई प्रवास करना पडता था। वहां प्रतापजी के घर रुकना होता था। जों उन्हीं के परिवार के सदस्य और शिलाई के जेलरदार हैं। शुबह शाखा लगानी फिर सब से मिलना जुलना और फिर आगे का कार्यक्रम होता था। बड़े हंसमुख कर्मठ मिलनसार कार्यकर्ता थें रामभज तोमर। जब कोई नहीं होता था तब रामभज जी होते थें।
तब सभी संगठनों का काम करने के लिए शिलाई विधानसभा क्षेत्र में यहीं छ: सात लोग ही होते थे। इनसे भाजपा का काम करा लो या संघ का। आल इन वन होते थें। नींव के पत्थर थें रामभज जी।
आपकी तपस्या के कारण आज शिलाई में विचारधारा का विस्तार हुआ है और हम वहां एक ताकत बनें हैं। आप के जाने से जों रिक्तता आई हैं उसको भरना कठिन ही नहीं बल्कि असम्भव ही हैं।
अयोध्या कारसेवा 1991अक्टूबर में जातें हुए जंगलों में आपका सत्तू का सेवन आज भी हमें याद आता हैं। आज आप जैसे चन्द लोगों की तपस्या के कारण भाजपा एक बटबृक्ष बनीं हैं।
इस बात का संतोष हैं। आप के साथ बिताये हुए हर क्षण आज याद आता हैं। अलविदा रामभज जी अलबिदा! आप की बहुत याद आयेंगी! प्रभु से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा कों अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।