Shillai: शहीद पैराट्रूपर प्रमोद नेगी के प्रथम शहादत पर शहीदी दिवस पर उमड़ा जन सैलाब, ये भी रहे मौजूद... ddnewsportal.com

Shillai: शहीद पैराट्रूपर प्रमोद नेगी के प्रथम शहादत पर शहीदी दिवस पर उमड़ा जन सैलाब, ये भी रहे मौजूद... ddnewsportal.com

Shillai: शहीद पैराट्रूपर प्रमोद नेगी के प्रथम शहादत पर शहीदी दिवस पर उमड़ा जन सैलाब, ये भी रहे मौजूद...

भूतपूर्व सैनिक संगठन पाँवटा साहिब-शिलाई ने शिलाई में शहीद पैराट्रूपर प्रमोद नेगी के प्रथम शहादत पर शहीदी दिवस का आयोजन किया। सर्वप्रथम अतिथियों और अन्य सभी ने शहीद की प्रतीमा पर पूष्पांजली अर्पित की तदोपरान्त स्कूली छात्रों ने कई प्रस्तुतियां दी। जवाहर देसाई व हितेंद्र द्वारा तैयार छात्रों ने युद्ध भूमि और शाहदत पर एक मार्मिक प्रस्तुति देकर उपस्थित सभी के उदगारों को छलका दिया। अन्य कई कार्यक्रम के अलावा शहीद प्रमोद की जीवनी पर एकांकी पेश कर बाल भारती विद्यालय के छात्रों ने प्रस्तुति देकर सभी लोगों की आखें नम कर दी। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एसडीएम सुरेन्द्र मोह एवं अन्य वक्ताओं नरेन्द्र ठुंडू, सुरेन्द्र हिंदुस्तानी, प्रताप जैलदार, करनैल सिंह, नीटू चौहान, विरेन्द्र चौहान नेक् शहीद प्रमोद नेगी की शाहदत और उनकी वीरता और राष्ट्र भक्ति पर प्रकाश डाला।


इस शहादत के विशेष मौके पर ई-एडेन केयर होस्पिटल (eEden Critical Care Hospital Pvt. Ltd.) चंडीगढ़ ने भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र के सहयोग से क्षेत्र के समस्त जनमानस के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया। जिसमें की ई-एडेन केयर होस्पिटल से प्रतिष्ठित चिकित्सकों और साहयकों की टीम द्वारा सभी प्रकार के चिकित्सा परामर्श एवं शूगर, बीपी तथा ईसीजी इत्यादि की जांचे बिल्कुल मुफ्त में की गई।


भूतपूर्व सैनिक संगठन के उपाध्यक्ष नरेन्द्र ठुंडू ने बताया कि शहीद प्रमोद नेगी आज हमारे बीच तो नही है लेकिन वह लाखों युवाओं के लिए प्रेणा का विषय है। प्रमोद नेगी एक बहादुर और प्रतिबद्ध सैनिक थे, जिन्होंने 25 वर्ष की अल्पायु में देश की  सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर वीरगति को प्राप्त हुए। 05 मई का दिन हमेशा याद किया क्षेत्र में शहादत के लिए याद किया जाएगा। यह गिरिपार क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।


इस मौके पर मुख्य अतिथि शहीद के माता- पिता देवेंद्र नेगी व तारा देवी विशेष अतिथि एसडीएम सुरेन्द्र मोहन, तहसीलदार मनमोहन जिस्टा, बीडीओ अजय सूद, पूर्व विधायक बलदेव तोमर, शहीद के छोटे भाई रितेश नेगी व बहन मनीषा नेगी, शहीद कल्याण सिंह की वीरांगना शीला देवी, शहीद श्याम सिंह के पिता प्रताप सिंह तथा भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष करनैल सिंह व पूर्व अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह चौहान, स्थानीय पंचायत प्रधान शीला नेगी, उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह ठुंडू एवं सवर्णजीत, सह-सचिव मोहन चौहान, कोषाध्यक्ष तरुण गुरंग, वरिष्ठ सदस्य नारायण बीरसांटा, दिवान, स्वरूप, वाजिद, जवाहर देसाई, हितेंद्र, देवेन्द्र नेगी, देवेंद्र देसाई, पूर्ण नेगी, विरेन्द्र, विक्रम, ईंद्र सिंह, दीपचन्द, राकेश, दिनेश ठुंडू, चमेल नेगी, दीपचंद, सतीश, जीवन, दिनेश, विरेन्द्र, विक्रम, रणसिंह, विंदु, दीप राम और कई स्थानीय गणमान्य व्यक्ति प्रताप सिंह जैलदार, सुरेन्द्र हिंदुस्तानी, सुरत चौहान, रणजीत नेगी, विधालय के प्रधानाचार्य रमेश चंद, नारायण ठुंडू, प्रदीप आदि मौजूद रहे।

■ पढ़ें शहीद का सफरनामा...

गिरिपार क्षेत्र के शिलाई गांव के निवासी देवेंद्र नेगी व तारा देवी ने 15 अगस्त 1997 को बहादुर सुपुत्र प्रमोद नेगी को जन्म दिया। प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा शिलाई से ही ग्रहण की। 18 दिसंबर 2017 को प्रमोद नेगी तोफखाना रेंजिमेंट के अंतर्गत सेना में भर्ती हुए। शहादत से पूर्व दो वर्ष पहले प्रमोद अपने मेहनत और समर्पण से “9 पेरा रेजीमेंट” (सपैशल फोर्स) में तैनात हुए। स्पेशल फोर्स में पैराट्रूपर प्रमोद नेगी को “रेड कैप” से भी सम्मानित किया गया था।
सेना द्वारा जारी एक बयान के अनुसार टोटा गली क्षेत्र में सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला करने वाले आतंकवादियों के एक समूह को बाहर निकालने के लिए लगातार खुफिया जानकारी आधारित अभियान चलाया जा रहा था। खुफिया जानकारी के मुताबिक राजौरी सेक्टर के कंडी जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष सूचना पर 03 मई 2023 को एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था।प्रातः लगभग 07ः30 बजे, एक खोजी दल ने एक गुफा में घुसे हुए आतंकवादियों के एक समूह के साथ संपर्क स्थापित किया। यह क्षेत्र चट्टानी और खड़ी चट्टानों के साथ घनी वनस्पति से युक्त था। आतंकवादियों ने जवाबी कार्रवाई में एक विस्फोटक उपकरण दागा और 5 मई 2023 को मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में गिरिपार के शिलाई गांव निवासी 25 वर्षीय पैराट्रूपर प्रमोद नेगी ने राष्ट्र को अपना सर्वोच्च बलिदान देकर शहादत प्राप्त की और अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख कर हमेशा के लिए अमर कर गए है । मरणोपरांत प्रमोद नेगी को 'मेंशन-इन-डिस्पैच' से सम्मानित किया गया।