उत्तराखंड- आसन बैराज पर विदेशियों का कब्जा ddnewsportal.com

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उत्तराखंड- आसन बैराज पर विदेशियों का कब्जा 

झील के चारों और डाल दिया है घेरा, विभाग हुआ सतर्क

मौसम में ठण्डक घुलते ही पांवटा क्षेत्र का मिजाज विदेशी महमानों की कलरव से गुलजार होने लगा है। पांवटा शहर से महज तीन किलो मीटर दूर उत्तराखंड के वेटलैंड, आसन बैराज में विदेशी पक्षी जुटने शुरु हो गये हैं। यहां पर अभी तक सुर्खाव सहित विभिन्न विदेशी प्रजातियों के पक्षियों ने अपना

डेरा डालना शुरु कर दिया है। विभाग के मुताबिक अभी तक करीब 35-40 प्रजातियों के 3500 से चार हजार प्रवासी पक्षी बेराज की झील पर पंहुच चुके है। सर्दियां बढ़ने के साथ ही यहां लगभग 70 से 80 प्रजातियों के हजारों पक्षी जलक्रिडा करते देखे जाएंगे। आने वाले दिनों में यह विदेशी मेहमान

पांवटा के पास यमुना नदी में भी लोगों को नजर आयेंगे। हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब से लगते उत्तराखंड के आसन बैराज में प्रवासी पक्षियों की आमद पक्षी प्रमियों के लिए कोतुहल का विषय बना हुआ है। प्रदेश के चकराता वन प्रभाग ने विदेशी मेहमानों की आवभगत और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम भी पूरे कर लिए हैं। इस बार पिछले सीजन से अधिक पक्षियों

के आने की उम्मीद में प्रकृति प्रेमी भी उत्साहित हैं। इस बार शेलडक, पिनटेल्स, रूडी, यूरेषियन, शावलर, रेड ग्रेस्टर, पोचार्ड, डक, टफ्ड, स्पाट बिल, मोरगेन, टील, डकएकामन व पांड आदि पक्षियों के भारी संख्या मे पंहुच रहे है। गत वर्ष भी यह प्रजातियां काफी संख्या मे झील किनारे आई थी। विभाग के मुताबिक सर्दियां बढ़ने के साथ ही इनकी संख्या व प्रजातियों

में इजाफा होगा। यहां पर पक्षी हिमाच्छादित पोलीआर्टिक, युरोप, मध्य एषिया व साईबेरिया आदि ऐसे क्षेत्रों से भी आकर शरण पाते हैं जहां सर्दियों के मौसम में झीलें और समुद्र जम जाते हैं। आसन झील की पटेरा नामक घास इनके आवास और प्रजनन के लिहाज से भी अनुकूल है। इसके अलावा विदेशी परिंदो की पसंद का हर भोजन इस झील में मौजूद है। झील के आसपास का जंगल और यहां के पक्षियों का दोस्ताना व्यवहार भी इन्हें खूब

भाता है। यही कारण है कि हर साल बड़ी संख्या में यह पक्षी आसन झील का रूख करते हैं। दिसम्बर से जनवरी तक इन पक्षियों का आगमन चलता रहता है और मार्च माह मे ये वापिस अपने देशों का रुख करते है। उधर, इस बारे चकराता वन प्रभाग के वन दारोगा और पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सक्सेना ने बताया कि विदेशी पक्षियों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गये है। दिन रात

विभाग के कर्मी पहरा दे रहे है ताकि कोई इन्हे नुकसान न पंहुचा पाये। उन्होने कहा कि अमूमन अक्तूबर माह के 10 तारीख से पक्षियों का आगमन शुरु होता है। अभी तक करीब 4 हजार पक्षी पंहुच चुके हैं। आने वाले समय मे अन्य प्रजाति के पक्षी भी आने शुरु हो जायेंगे। विभाग चौकस होकर दिन रात पहरा दे रहा है।