सिरमौर: प्रयास सोसायटी जल संवाद आयोजित कर लोगों को बता रही पानी की महत्ता, इनका भी सहयोग... ddnewsportal.com

सिरमौर: प्रयास सोसायटी जल संवाद आयोजित कर लोगों को बता रही पानी की महत्ता, इनका भी सहयोग...
प्रयास और बीवीएन सोसाइटी, विभा वाणी इंडिया राज्य शाखा हिमाचल प्रदेश के सहयोग से जल संवाद आयोजित कर रही है। जिसमे लोगों को जल संरक्षण पर जागरूक किया जा रहा है। जिला सिरमौर के भरोग बनेड़ी पंचायत में 29 जुलाई, 2025 को जल संवाद आयोजित कर जल संरक्षण पर कार्यक्रम के माध्यम से प्रयास सोसाइटी ने लोगों को जल संकट की चुनौतियों के बारे में जागरूक किया और वर्षा जल संचयन के महत्व पर लोगों को जानकारी दी गई। प्राकृतिक जल स्रोत को हिमाचल प्रदेश में जल को बचाने के लिए जल संवाद आयोजित किया। जिसमें जल संकट की चुनौतियों को लेकर लोगों को जागरूक किया गया। प्रयास सोसाइटी के सचिव धीरज रमौल व समन्वयक विभा वाणी इंडिया राज्य शाखा हिमाचल के द्वारा वर्ष 2025 को जल संकट के समाधान के लिए जल वर्ष के रूप में मनाया गया। संस्था के द्वारा लोगों में जल संवाद आयोजित किये जा रहे है। प्रयास सोसाइटी के सचिव एवं जल अभियान के प्रणेता धीरज रमौल ने कहा कि जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए गाँव के लोगों को प्रेरित करने के लिए गाँव में जल संवाद आयोजित किया जा रहा है।
प्रयास सोसाइटी सचिव ने लोगो को बताया कि बोतल में बंद पानी के सेवन से बीपीए नाम का केमिकल पेट में पहुंचने पर पाचन क्रिया प्रभावित होती है। इससे खाना हजम नहीं होता है। प्लास्टिक की बोतल में बंद पानी के सेवन से दिमाग के काम करने की शक्ति कम हो जाती है। बोतल का पानी पीने वाली अधिकतर महिलाओं को गर्भ ठहरने में परेशानी आती है। जबकि पुरुषों के स्पर्म काउंट को भी बोतल में बंद पानी कम करता है। प्लास्टिक की बोतल को बनाने में केमिकल का प्रयोग किया जाता है। गर्म होने पर जब पानी का सेवन करते हैं तो केमिकल के तत्व पानी में घुलने से शरीर में पहुंच जाते हैं। इससे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। बोतल पुरानी होने पर भी इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। कब्ज, पेट गैस, कैंसर समेत अन्य बीमारियां बोतल बंद पानी के सेवन से होती हैं इस विषय पर विस्तृत जानकारी गाँव के लोगों को दी गई।
प्रयास सोसाइटी के सचिव ने लोगों को बोरवेल से पानी निकालने के कई नुकसान हैं, जिनमें आपदाओं को बढ़ावा, पानी की गुणवत्ता में गिरावट, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शामिल हैं। अत्यधिक बोरवेल से पानी निकालने से आपदाओं को बढावा मिल जाता है, जिससे कुएं सूख सकते हैं और आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, बोरवेल के पानी में बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी जैसे सूक्ष्मजीव हो सकते हैं, जो हैजा, पेचिश और गैस्ट्रो एंटेराइटिस जैसी जलजनित बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने आरो के पानी का हमारे शरीर पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, इससे बीमारियां कम होने की बजाय बीमारियां बढ़ रही है। यह मैं नहीं कह रहा डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में बताया गया है, कि बोतलबंद पैक पानी से आपकी स्वास्थ्य पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आपको हृदय संबंधी विकार, थकान महसूस होना, मानसिक कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन और सिरदर्द जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती है, इस पर विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मिट्टी के मटके का पानी शुद्ध, शीतल और आरोग्य दायक होता है। इससे हमारी सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। आप RO के अलावा क्लोरीन का उपयोग भी कर सकते हैं। क्लोरीन पानी के सिर्फ नुकसानदायक बैक्टीरिया को मारता है और अच्छे बैक्टीरिया को कोई नुकसान नहीं होता। इस पर भी विस्तृत जानकारी लोगों को दी गई।
प्रयास सोसाइटी के सचिव धीरज रमौल व समन्वयक विभा वाणी इंडिया राज्य शाखा हिमाचल प्रदेश ने सभी लोगों से जल संवाद पर जल संरक्षण के लिए काम करने वाले संगठनों के साथ जुड़ने के लिए विशेष रूप से जानकारी दी और कहा कि हम सभी मिलकर एक स्वस्थ, प्रकृति को बचाव करके और टिकाऊ भविष्य बना सकते हैं। आज के इस जल संवाद कर जल संरक्षण जागरूक कार्यक्रम में प्रयास सोसाइटी के सचिव धीरज रमौल व समन्वयक विभा वाणी इंडिया राज्य शाखा हिमाचल प्रदेश, बीवीएन सोसाइटी के अध्यक्ष सतीश भंडारी व सदस्य विभा वाणी इंडिया राज्य शाखा हिमाचल प्रदेश, नवयुवक मण्डल सचिव अनिल कुमार, कुलदीप कुमार, सुरेन्द्र सिंह, रामलाल, महेन्द्र सिंह इसके इलावा भी काफी लोगो ने इस जल संवाद कार्यक्रम में भाग लिया।