Himachal News: पढ़ें- आपदा में कौन से नुकसान का कितना मिलेगा अब मुआवजा... ddnewsportal.com
 
                                    Himachal News: पढ़ें- कौन से नुकसान का कितना मिलेगा अब मुआवजा...
सुक्खू सरकार ने जारी की आपदा प्रभावितों की मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की अधिसूचना
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए मुआवजे की राशि में बढ़ौतरी करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के तहत 7 जुलाई, 2023 से 15 जुलाई, 2023 के दौरान आई बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित हुए परिवारों को विशेष राहत पैकेेज के अन्तर्गत आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राहत मैनुअल के तहत पक्के घर को आंशिक क्षति पर 12500 रुपये तथा कच्चे मकान को आंशिक नुकसान होने पर 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती थी। वर्तमान प्रदेश सरकार ने अभूतपूर्व त्रासदी को देखते हुए इसे बढ़ाकर एक लाख रूपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि दुकानों और ढाबों को नुकसान होने पर पहले सिर्फ सामान की एवज़ में 10 हजार रुपये की मामूली आर्थिक सहायता मिलती थी, जिसे राज्य सरकार ने दस गुणा बढ़ाकर एक लाख रूपये कर दिया है। इसके अतिरिक्त किरायेदार के सामान को नुकसान होने पर पहले 25 हजार रुपये की मद्द दी जाती थी, जिसे दोगुना करके 50 हजार रुपये कर दिया गया है। वहीं कृषि और बागवानी योग्य भूमि में बाढ़ से सिल्ट आने पर पहले जहां लगभग 1400 रूपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था, इसे बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति बीघा कर दिया गया है। इसके साथ ही कृषि और बागवानी योग्य भूमि को क्षति होने पर पहले 3600 रूपये प्रति बीघा की आर्थिक सहायता दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति बीघा कर दिया गया है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में किसानों व बागवानों की फसल को नुकसान होने पर 300 से 500 रुपये प्रति बीघा मुआवजा प्रदान किया जाता था, जिसे बढ़ाकर राज्य सरकार ने 2000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। वर्तमान राज्य सरकार ने गाय, भैंस तथा अन्य दुधारू पशुओं की जान जाने पर 55 हजार रुपये प्रति पशु की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो पहले 37500 रुपये थी। उन्होंने कहा कि भेड़, बकरी और सुअर की जान जाने पर, मिलने वाली आर्थिक मदद को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है। साथ ही पहले यह मुआवजा अधिकतम 30 भेड़, बकरी और सुअर के लिए ही दिया जाता था, लेकिन राज्य सरकार ने इस शर्त को भी खत्म कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखकर काम कर रही है और हिमाचल प्रदेश के इतिहास में मुआवजा राशि को पहली बार इतना अधिक बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों के दुःख-दर्द से भली-भांति परिचित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रभावितों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
 
                         
   
              
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