Kafota: कफोटा खंड RSS का शताब्दी वर्ष कार्यक्रम शिलाई में - संघ का कार्य राष्ट्रहित, देशहित और समाजहित का कार्य: वीरेंद्र ddnewsportal.com

Kafota: कफोटा खंड RSS का शताब्दी वर्ष कार्यक्रम शिलाई में - संघ का कार्य राष्ट्रहित, देशहित और समाजहित का कार्य: वीरेंद्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कफोटा खण्ड द्वारा शिलाई में संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में खण्ड एकत्रीकरण एवं पथ संचलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ शस्त्र पूजन एवं ध्वजारोहण से हुआ जिसमें स्वयंसेवकों ने अनुशासनपूर्वक भाग लिया। इसके पश्चात पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों का पथ संचलन निकाला गया, जिसमें स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया और संघ के प्रति अपना गौरव एवं सम्मान प्रकट किया। इस अवसर पर लगभग 261 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में तथा समाज से 50 से अधिक बंधु-भगिनी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय थल सेना में कैप्टन रिटायर वीरेंद्र सिंह तोमर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में जिला प्रचारक नन्द किशोर उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वीरेंद्र सिंह ने कहा कि संघ का कार्य राष्ट्रहित, देशहित और समाजहित का कार्य है। इस पुनीत पावन कार्य में हम सभी समाज के बंधुओ को भी सहयोग और सहभाग करके बढ़ाना चाहिए।
अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता नन्द किशोर ने कहा कि संघ की स्थापना सन् 1925 में परम पूज्य डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार जी ने सम्पूर्ण हिंदू समाज को संगठित करने के महान उद्देश्य से की थी। इन 100 वर्षों की यात्रा में संघ ने उपेक्षा, विरोध, समर्थन और सहभाग — सभी अनुभव किए हैं, परंतु निरंतर सेवा, संस्कार और समर्पण के बल पर आज संघ राष्ट्र निर्माण की आधारशिला बन चुका है।
उन्होंने कहा कि संघ की शाखा केवल व्यायाम का स्थल नहीं, बल्कि यह संस्कारों की पाठशाला है, जहाँ से राष्ट्रभक्त, चरित्रवान और समाजहित में जीवन समर्पित करने वाले स्वयंसेवक तैयार होते हैं। चरित्रवान व्यक्ति ही अपने पुरुषार्थ और आचरण से सशक्त राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकता है।
मुख्य वक्ता ने आगे कहा कि आज के समय में पश्चिमी जीवनशैली की अंधी नकल से हमारे समाज में पारिवारिक विघटन और बुजुर्गों की उपेक्षा जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं। संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश करते हुए “पंच परिवर्तन”—परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य पालन, सामाजिक समरसता और स्वदेशी जीवन शैली—इन पाँच आयामों पर कार्य कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि परिवार ही हिन्दू समाज, संस्कृति और धर्म का आधार है, अतः हमें अपने परिवार तंत्र को सुदृढ़ कर संस्कारों की परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को “पंच प्रण” को अपने जीवन का अंग बनाकर राष्ट्र के प्रति कर्तव्य निभाना चाहिए।
कार्यक्रम के उपरांत शिलाई के मुख्य बाजार होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग तक भव्य पथ संचलन निकाला गया, जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवकों ने अनुशासित पंक्तियों में भाग लेकर राष्ट्रीय एकता और संगठन शक्ति का परिचय दिया। इस अवसर पर खण्ड संघ चालक मुंशी राम, खण्ड कार्यवाह कपिल, जिला व्यवस्था प्रमुख राजकुमार इत्यादि उपस्थित रहे।